राजस्थानी बातां

माटसा री नोकरी

सरकारी महकमै मांय आपां सगळा सूं सोरी गरुजी री नोकरी मानां, पण आपणै सोचण मै अर मास्टरजी रै असल जीवन मै रात दिन रो फरक है।नोकरी लागै उण बगत तो कुण बी हुवौ वो घणो राजी हुवै अर गुरजी सगळा सूं बेसी हुवै। क्यूँ कै वे आवण वाळी पीढ़ीयां रो मारग उजाळनै री त्यागत राखै।टाबरां रो जीवन सुखी बनावण खातर वे खुद रै जीवन रो ऄक ऄक पल निछरावर कर देवै।पण नोकरी करतां करतां ऄक बगत ऄड़ौ बी आवै जिण टेम नोकरी खारी लागण लागजै! वो बगत हुवै बदळी(ट्रांसफर) रो।गरुजी लगोलग च्यार पांच साल ऄक ई इस्कूल मांय पढ़ाता रेवै जण बठै रा टाबरां सूं उणारो हेत अतरो गाढो हु जावै कै जे राज सूं बदळी रो आदेस आवै तो मन भौत घणो दुखी हुवै।पैली कीं सोशल मीडिया जैड़ा साधन कोनी हा जण आपां आम लोकां नै ठा बी कोनी पड़तो कै कुणसा गुरजी री कठै बदळी हूई है।पण आज रै सोशल मीडिया रै जमाने मै आपां देखां कै कई मास्टरजी इस्कूल सूं व्हीर होंवती टेम आंसू टळका बोकरै।आ पीड़ है जकी इयां कोनी कै अठै तांई ई रैहसी! आ पीड़ा आगै जासी तो बी त्यार रैहसी। नुंई ठौड़ गयां पछै दो च्यार बरस ओज्यूं हेत घलै अर बे ई राज रा आदेस।ओ सिलसिलो बठै तांई चालै जठै तांई रिटारमेंट नी हु ज्यावै।छैकड़ रिटारमेंट पछै बी टाबरां सागै बीतायड़ै समै नै याद कर कर'र दिन काढणा वे घणा दोरा व्है ।भौत अबखाई है ईं मास्टर री नोकरी मै क्यूं कै सो क्यूं तजणै री हिम्मत सांगोपांग चाहिजै।
#प्रणाम म्हारा सगळा गुरुज्यां नै🙏


©पवनकुमार राजपुरोहित

टिप्पणियाँ

Sher Singh Rajpurohit Baglop ने कहा…
घणी फूटरी रचना ����

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