राजस्थानी कविता
दिखावटी प्रेम दिखावट रै इण दौर मांय म्हारी आस,सपना न्यारा है जगत री बात ई ना करौ, सब लंफै चांद सितारा है, मैं आं सब सूं दूर एकलो सांची प्रीत रो हमराही हूं कोई मनै जाण सकै तो, मैं पवन प्रेम री गहराई हूं।
राजस्थानी भासा री कवितावां अर लेख! You can read all type of shayri,poem and articles in rajasthani.